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विक्रान इंजीनियरिंग IPO: GMP, सब्सक्रिप्शन डिटेल्स और लिस्टिंग अपडेट

Vikran Engineering IPO


 ग्रेस मार्केट प्रीमियम (GMP) अपडेट:

विक्रान इंजीनियरिंग IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 28 अगस्त 2025 को ₹13 प्रति शेयर था। इस हिसाब से अनुमानित लिस्टिंग प्राइस लगभग ₹110 हो सकता है, जो कि इसके अपर प्राइस बैंड ₹97 पर करीब 13.4% का प्रीमियम दर्शाता है। हालांकि, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर आई रिपोर्ट्स के अनुसार, उसी दिन GMP 17% से गिरकर 8% (लगभग ₹7.76) हो गया। इसका मतलब है कि निवेशकों की सेंटिमेंट में कुछ वोलैटिलिटी देखने को मिली।

IPO सब्सक्रिप्शन स्टेटस:

यह IPO 29 अगस्त 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए बंद हुआ। दूसरे दिन तक कुल 5.24 गुना सब्सक्राइब हुआ, जिसमें रिटेल इन्वेस्टर्स की तरफ से 5.23 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की तरफ से 11.03 गुना तक डिमांड रही। हालांकि, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) की तरफ से भागीदारी सिर्फ 0.91 गुना रही।

इस इश्यू की प्राइस बैंड ₹92 से ₹97 तय की गई थी और इसका लक्ष्य ₹772 करोड़ जुटाने का था। विक्रान इंजीनियरिंग IPO की लिस्टिंग 3 सितंबर 2025 को BSE और NSE पर निर्धारित है।

GMP में उतार-चढ़ाव:

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि IPO आने से पहले GMP में काफी बदलाव देखा गया। कभी यह ₹0 तक गिर गया तो कभी ₹25 तक चला गया। इसका मतलब है कि मार्केट में लिस्टिंग गेन को लेकर निवेशकों की उम्मीदें लगातार बदल रही थीं।

एक्सपर्ट्स की राय:

अंशुल जैन (लक्ष्मिश्री इन्वेस्टमेंट): उनका कहना है कि लंबे समय के लिए इस IPO को सब्सक्राइब करना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि कंपनी का EPC सेक्टर में मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।

SBI सिक्योरिटीज: उनका नजरिया न्यूट्रल है क्योंकि लिस्टिंग के बाद सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना है।


GMP पर निवेशकों के लिए चेतावनी:

GMP एक अनऑफिशियल इंडिकेटर है। इसलिए सिर्फ GMP के आधार पर निवेश निर्णय लेना सही नहीं है। हमेशा कंपनी के फंडामेंटल्स, फाइनेंशियल्स और बिजनेस मॉडल को ध्यान में रखकर ही निवेश करें।

लेटेस्ट अपडेट कहां देखें?

GMP और लिस्टिंग से जुड़ी ताज़ा जानकारी के लिए InvestorGain, Chittorgarh जैसे भरोसेमंद स्रोतों को फॉलो करें, क्योंकि ग्रे मार्केट में ट्रेंड्स बहुत तेजी से बदल सकते हैं।

कंपनी का बिजनेस मॉडल और ग्रोथ पॉइंट्स

विक्रान इंजीनियरिंग EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) सेक्टर में काम करती है और इस सेक्टर में कंपनी का मजबूत अनुभव है। कंपनी ने कई बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं, जिससे इसकी विश्वसनीयता बनी हुई है। एनालिस्ट्स का मानना है कि भारत में बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी सेक्टर प्रोजेक्ट्स के चलते इस कंपनी के पास लंबी अवधि के लिए बेहतर ग्रोथ के अवसर हैं।

कंपनी का ऑर्डर बुक भी मजबूत है, जो आने वाले समय में रेवेन्यू ग्रोथ के लिए सकारात्मक संकेत देता है। इसके अलावा, कंपनी की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस भी स्टेबल है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।


निवेशकों के लिए सुझाव

अगर आप शॉर्ट-टर्म गेन के लिए जा रहे हैं तो सिर्फ GMP के आधार पर निर्णय न लें, क्योंकि लिस्टिंग के दिन मार्केट सेंटिमेंट तेजी से बदल सकता है। लंबे समय के निवेशकों को कंपनी के फंडामेंटल्स, ऑर्डर बुक, सेक्टर ग्रोथ और फाइनेंशियल्स को देखकर निर्णय लेना चाहिए।

GMP सिर्फ एक इंडिकेशन है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं होती कि लिस्टिंग गेन मिलेगा ही। इसलिए निवेश करने से पहले रिस्क और रिटर्न को समझना जरूरी है।










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